दक्षिण भारत के सबसे बड़े न्यूज ग्रुप में शुमार Asianet news में भगदड़ मचने की सूचना आ रही है। डिजिटल न्यूज वेबसाइट और न्यूज चैनल में बेहतर भविष्य को लेकर आए पत्रकार अब यहां के उच्च पदों पर आसीन एडिटर्स के गैर पत्रकारीय रवैये से आहत होकर एक के बाद एक कंपनी छोड़ रहे हैं। अकेले एशियानेट हिंदी से पिछले एक साल में कम से कम 12 पत्रकार अलविदा कह चुके हैं। कई तो महज एक से दो महीना रहे लेकिन एडिटर्स के रवैया की वजह से मानसिक तौर पर प्रताड़ित होकर आखिरकार ग्रुप ही छोड़ दिया।
डीएनई आशुतोष पाठक एशियानेट छोड़कर भाष्कर के सीनियर पद पर चले गए। काफी बढ़िया रिसर्च कॉपी लिखने वाला मोइन आजाद भी प्रताड़ना की वजह से छोड़कर चले गए। पवन तिवारी यहां से तंग आकर काफी बेहतर पोजिशन पर टाइम्स ग्रुप में है। प्रभंजन एक युवा पत्रकार के तौर पर जुड़ा लेकिन तंग आकर छोड़ दिया। अब वह आजतक में अच्छे पद पर है।
उदित तिवारी ने यहां सीनियर सब एडिटर ज्वाइन किया है। लेकिन अनावश्यक मानसिक प्रताड़ना और सैलरी न बढ़ने की वजह से अब आजतक में हैं। अभी हाल ही में यहां असिस्टेंड एडिटर रहे अमिताभ बुधौलिया ने रिजाइन दे दिया। बॉलीवुड में काफी बेहतर पकड़ रखने वाले अमिताभ बुधौलिया भी काफी दिग्गज पत्रकारों में हैं। लेकिन उनके ऊपर काफी जूनियर्स को बैठा दिया गया। उनकी बीट भी रोज रोज बदल दी जाती तो कभी जूनियर को रिपोर्ट करने को कह दिया जाता। अब वह पीपुल्स ग्रुप में कंटेंट और क्रिएटिव हेड हैं।
इस सबके अलावा अभी हाल ही में एक और काफी मेहनती पत्रकार मनोज द्विवेदी ने संस्थान को बाय बाय कह दिया। मनोज काफी मेहनती थे। चुनाव बाद भी कई सीनियर पत्रकार यहां बाय बोल सकते हैं। प्रमोशन न मिलने की वजह से एक बार फिर कई अच्छे पत्रकार इस संस्था को छोड़ने का मन बना चुके हैं।