बड़े लोगों के सामने कांप जाते हैं नियम-क़ानून, ईमानदार अफ़सर कर दिये जाते हैं बेइज्जत!
मिथिलेश धर द्विवेदी-
उत्तर प्रदेश सरकार हूटर के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है। इसी संदर्भ में लखनऊ में ट्रैफिक इंस्पेक्टर आशुतोष त्रिपाठी गलती कर बैठे और उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की गाड़ी रोक हूटर उतरवा दिया। फिर क्या था, इंस्पेक्टर आशुतोष को पहले लाइन हाज़िर फिर निलंबित कर दिया गया है।
सुशील दूबे-
अब लगता है नये Cp लखनऊ पुलिस और Dcp ट्रैफ़िक के आने के बाद हूटर झंडा काली फ़िल्म आदि आदि की चेकिंग में तेजी आने वाली है। मामला चाहे राकेश त्रिपाठी ब्राह्मण प्रवक्ता Bjp वाले का हो या चेकिंग करने वाले लखनऊ पुलिस इंस्पेक्टर आशुतोष त्रिपाठी ब्राह्मण का हो। वैसे प्रवक्ता bjp को तो योगी की पुलिस की तेजी की हर चैनल पर तारीफ करनी चईये और वो हैं कि शायद बीजेपी का झंडा ही उतार रहे हैं। वैसे Cpसाहब, इंस्पेक्टर त्रिपाठी को जांच के बाद ही लाइन भेजना था, कि जाँच के नाम पर पहले भड़का कौन था!
ब्रज श्याम मौर्या-
गाडी चेकिंग से इनके मान सम्मान को ठेस पहुच गई। ये कैसी बात हुई। और जो हर चौराहो पर इनकी पुलिस , पब्लिक के साथ रोज चेकिंग के नाम पर आतंक करती है उसका क्या??
वीरेंद्र मिश्रा-
तलाशी ले लिया गया तो कौन सा पहाड़ टूट गया भाई साहब…!
तलाशी तो सबकी होनी ही चाहिए चाहे कोई भी हो इसमें गलत क्या है। देश कानून से चलता है नेताजी तलाशी देने में आपकी बेइज्जती हो गई..?
आशीष तिवारी-
बीजेपी के नेता से अभद्रता की तो सस्पेंड कर देना तो ठीक है लेकिन आम नागरिक को बीच चौराहे पर मां बहन की गाली दे तो उसपर कितनी कार्रवाई हुई ? एक दिन आएगा कि ये बीजेपी नेता सरकार में नहीं होंगे और तब कोई सस्पेंड नहीं होगा। लिहाजा बेहतर हो कि पुलिस को तमीज सिखाई जाती।
सौरभ-
कोई अपमानित नहीं किया। ये सब ड्रामेबाज़ी है। @Uppolice अपना काम कर रही है। किसी भी वाहन पर किसी भी पद/दल/विभाग, हूटर आदि का प्रदर्शन अवैध है, केवल यातायात नियमों का उल्लंघन, हम भारत के लोगों को डराने, गुण्डागर्दी के लिए किया जाता है। @UPGovt @CMOfficeUP पुलिस के साथ रहिए।
श्रवण शर्मा-
भाजपा प्रवक्ता था तो जिस तत्परता से पुलिस वाले को लाइन हाजिर किया गया है क्या आम आदमी के साथ हो रहे पुलिसिया अत्याचार पर भी ऐसे ही तत्परता से करवाई होता है ? क्या कानून केवल नेताओ के संरक्षण के लिए है, आम आदमी क्या करे ?
लतीफ़ सानी-
इसमें कौनसी बुरी बात है? हाय तौबा क्यों मचा हुआ है? भाजपा के है इसलिए, नेता हैं इसलिए, एक मजबूत जाति से आते हैं इसलिए। देश में एक दिन में लाखों लोग की गाड़ी चेकिंग होती है तो ये तो जनसेवक है इनको तो उदाहरण बनना चहिए समाज के लिए की देखो मैंने भी गाड़ी चेक करवा ली आम लोग की तरह
तुषार-
फ़ालतू की अब नौटंकी शुरू कर दी है बीजेपी के नेताओ ने,पुलिस अपना काम कर रहीं थीं,आम लोगों को पुलिस परेशान करती है तब क्यु नहीं ये ऐसा पत्र लिखता है आला अधिकारियों को. @dgpup आपको अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ खड़े होना चाहिए ना कि ईन जैसे छूट भैय्या बीजेपी के नेताओ के साथ।
एडवोकेट राधेश्याम यादव-
हर चौराहे पर यातायात पुलिस हर सामान्य नागरिक के वाहन की चेकिंग होती है ये सामान्य घटना है सम्मान को चोट तो सबको पहुंचनी चाहिए सिर्फ नेताओं को क्यों आम नागरिक का कोई सम्मान नहीं है ऐ कैसी बात हुई पुलिस का निलंबन गलत है
फ़्रेंकलिन यादव-
क्यों पांडे बड़ी जल्दी कष्ट हो गया? गाड़ी चेकिंग हो गई तो खराब लग गया? जब राहुल अखिलेश जी के हेलीकॉप्टर की चेकिंग होती है तो एंजॉय करते थे?
अंकुर भारद्वाज-
त्रिपाठी जी को आज योगी सत्ता का स्वाद आ गया, जो स्वाद पिछले सात सालों से एक साधारण कार्यकर्ता हर दिन चखता है। काश ज़मीनी कार्यकर्ताओं की भी वेदना सबके सामने आ पाती!बाबा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया। अपनी ही सरकार में कार्यकर्ताओं को जलालत झेलनी पड़ती है।
बनारसी कुमार-
पुलिस अपना काम ईमानदारी से करें तो भी दिक्कत, और ईमानदारी से काम ना करें तो भी दिक्कत , दोनों में नपेंगे पुलिसवाले ही।
नेता की छवि : गुंडा रेपिस्ट अपहरणकर्ता बाहुबली धनबल
नेताओं के सफेद कपड़े के पीछे बहुत सारे काले कारनामे होते हैं।
संजय त्रिपाठी-
भाजपा के प्रखर और मुखर प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के साथ पुलिसवालों ने की अभद्रता। पत्नी की तबीयत ख़राब होने के बावजूद गाड़ी रोककर ली तलाशी। घटना के बाद राकेश त्रिपाठी ने की पुलिस अधिकारियों को शिकायत। आरोपी पुलिसकर्मी हुए लाइन हाज़िर।
अनिल कुमार-
गाड़ी वालों से अनुरोध है कि पुलिस आपकी गाड़ी रोक कर आपको जांच के नाम पर बेइज्जत करें, उससे बेहतर है आप खुद पुलिस के पास गाड़ी ले जाकर बेइज्जत हो आइए और अपनी इज्जत बचाइये! हूटर एवं लाल बत्ती हित में जारी! नंबर आयेगा, सबका बारी बारी!
Satya Narayan Gupta
June 24, 2024 at 7:20 am
नियमों का पालन कराना पुलिस की जिम्मेदारी है।यदि हूटर लगाने से नेता जी की इज्जत बढ़ी थी तो उसे न लगाने के मुख्य मंत्री के आदेश से लाजिमी है कि नेता जी की बेइज्जती हुई होगी। नेता जी को उसी समय माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर विरोध दर्ज कराना था। यातायात पुलिस की क्या गलती है इसमें, जिससे उसे निलंबित कर दिया गया।पत्रकार एस. एन. गुप्त।