सुधा यादव-
महीनों तक मानसिक उत्पीड़न करने के बाद प्रोफेसर प्रोफेसर राकेश उपाध्याय अब पब्लिकली मेरे साथ बदतमीजी कर रहे हैं। धमकी दे रहे हैं, बर्बाद करने की बात कर रहे हैं। IIMC संस्थान को अपनी जागीर बताते हुए पूरे मीडिया में कहीं जॉब ना लगने की धमकी देते हुए, देख लेने की बात कर रहे हैं। अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है इसलिए लिख रही हूं- अपनी ये आपबीती।
उनकी कोशिश है कि मैं टूट जाऊँ मगर मेरी कोशिश है कि मैं लड़ाई लड़ूँ। किसी भी स्टूडेंट के आत्मसम्मान के लिए। बात सिर्फ सुधा की नहीं, लिखने बोलने वाले और जमीर वाले किसी भी स्टूडेंट की है।
मैंने कुछ रोज पहले आईआईएमसी प्लेसमेंट में चल रही प्रशासन की अनियमितताओं पर सवाल उठाया था, तो मुझे ये आभास था कि मुझे शायद प्लेसमेंट में आंतरिक तौर पर भेदभाव का शिकार होना पड़ेगा लेकिन ये कभी भान नहीं था कि मुझे सामाजिक और मानसिक तौर पर मेरे ही सहपाठियों के सामने प्रताड़ित किया जाएगा। घटना 19 जून की देर दोपहर की है जब द लल्लनटाप कैंपस प्लेसमेंट के लिए क्लास में प्रतिभागी छात्रों को दिशानिर्देश दे रही थी तभी आईआईएमसी प्लेसमेंट समिति के हेड प्रो राकेश उपाध्याय की नजर मुझ पर पड़ी और वे मुझे देखते ही आपा खो दिए।
उन्होंने लल्लनटाप के रिक्रूटर्स को बीच में रोकते हुए मुझसे कहा, “तुम टेस्ट में क्यों बैठी हो! तुमने संस्थान की गरिमा को धूमिल किया है। ट्विटर पर संस्थान को बदनाम करने के बाद तुम्हारी टेस्ट देने की हिम्मत कैसे हुई!”
उन्होंने मुझे सामाजिक रूप से और मानसिक रुप से प्रताड़ित करते हुए कहा, “तुम कैसे बेशर्मों की तरह टेस्ट में बैठी हो, कोई हक़ नहीं है तुम्हारा कि तुम प्लेसमेंट में बैठो। तुम्हारा रिजल्ट तो रोका जाना चाहिए था, जो तुमने किया है उसके लिए।”
श्री राकेश उपाध्याय इतने पर ही नहीं रुके और लगातार 7 से 8 मिनट तक मेरी पूरी कक्षा और लल्लनटाप टीम के सामने प्रताड़ित करते रहे। मैं लगातार एक तरफा हमलों को झेल नहीं पाई और रोने लगी। इसके बाद मैं उलझन में क्लास से बाहर की तरफ भागी तो राकेश उपाध्याय ने मुझसे फिर कहा, “देखता हूँ कौन तुम्हें नौकरी देता है।” और उन्होंने आगे कहा कि “तुम्हारा कैरियर बर्बाद कर दूँगा।”
एक प्रोफेसर जो एक सरकारी महत्व के संस्थान में कार्यरत हैं, वह खुले तौर पर किसी छात्र की जिंदगी को बर्बाद करने की बात करता है, ये पब्लिक फंडेड इंस्टिट्यूट में किसी भी छात्र की अभिव्यक्ति की आजादी पर चिल्लिंग इफ़ेक्ट ही है कि अगर वह कोई भी इशू उठाता है तो उसकी नौकरी नहीं लगने देंगे, रिजल्ट रोक देंगे या उसका करियर बर्बाद कर देंगे। यही वजह है कि IIMC में स्टूडेंट डर जाता है और चुपचाप सह लेता है सबकुछ कि कहीं उसका करियर न बर्बाद कर दिया जाए।
मैंने इस मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना के खिलाफ आईआईएमसी की आंतरिक शिकायत समिति में शिकायत की है, और उनसे ये भी अनुमति माँगी है कि मुझे आज्ञा दें कि मैं इस मैटर को लेकर पुलिस कंप्लेंट भी दाखिल कर पाऊँ।
Note: इतनी प्रताड़ना के बाद आप स्क्रीनशॉट में प्रोफेसर का रवैया देखिए की कैसे प्यार से बात कर रहें हैं जैसे कोई बात ही नहीं हुई है। सबके सामने जलील करने के बाद पर्सनल मैसेज करके मामला ख़त्म करने की बात कर रहें हैं।
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Shiv shankar sarthi
June 21, 2024 at 11:19 pm
Sudha ही एक अच्छी पत्रकार साबित होंगी जो अपने हक के लिए नहीं लड़ सकता वो जन या समाज के लिए क्या लड़ेगा/लड़ेगी. शुभकामनायें सुधा जी
Rakesh
June 23, 2024 at 8:38 pm
Interal committee for sexual harrasment must take the appropriate action against such professor. Today, Ms Sudha has raised voice, few students may not have that much courage. In such cases this professor will do whatever he likes. So, university must take action against the guilty professor. Best wishes to Ms Sudha for her bright future.