आम चुनाव अभी चंद महीने दूर हैं लेकिन पाठकों की पसंद के आधार पर जिन हिन्दी अखबारों का प्रसार तेजी से बढ़ रहा है उस सर्वे के नतीजे आ गए हैं। ‘हिन्दुस्तान’ ने दौर-दर-दौर अपनी पाठक संख्या को बढ़ाते जाने वाले इकलौते हिन्दी दैनिक के तौर पर शानदार प्रदर्शन जारी रखा है।
‘हिन्दुस्तान’ की औसत अंक पाठक संख्या पिछले दौर से 20 लाख बढ़कर अब 1.42 करोड़ हो गई है। रिसर्च एजेंसी एसी नीलसन तथा एमआरसीयू द्वारा आयोजित नवीनतम आईआरएस सर्वे (आईआरएस क्यू4 2013) में औसत अंक पाठक संख्या के परिणामों के मुताबिक ‘हिन्दुस्तान’ एक पायदान और आगे बढ़कर पूरे भारत में दूसरे नंबर पर आ गया है।
जबकि ‘हिन्दुस्तान’ के प्रतियोगी अखबारों दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर तथा अमर उजाला की पाठक संख्या में इस अवधि में कमी दर्ज की गई है। प्रिय पाठकों, ये नतीजे आपके सहयोग का परिणाम हैं। आपने हमारे तथ्यों, पत्रकारिता के उच्चस्तरीय मानदंडों को हमेशा सराहा और तरक्की की राह दिखाने वाले अखबार के जरिए सेवा करने का मौका दिया है। पिछले तीन साल में हमने पाठक संख्या में निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की है। ‘हिन्दुस्तान’ की पाठक संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है और आईआरएस सर्वे के नवीनतम दौर में हमने उत्तराखंड में पहले स्थान पर कब्जा कर लिया है। उत्तर प्रदेश में हम दूसरे स्थान पर आ गए हैं जबकि बिहार और झारखंड में हमारा पहला स्थान बरकरार है।
दिल्ली में ‘हिन्दुस्तान’ 8.3 लाख पाठकों की औसत अंक पाठक संख्या के साथ दूसरे स्थान पर बना हुआ है। पाठक संख्या में हुई तीव्र वृद्धि पिछले तीन वर्षों में अखबार द्वारा चलाए गए विस्तार अभियान का परिणाम है और पाठकों ने मौजूदा दैनिक अखबारों की तुलना में हमारे तथ्य तथा अनूठेपन को सराहा है। आर्थिक परिदृश्य पर मंदी के बादल छाने के बावजूद ‘हिन्दुस्तान’ ने राज्य के सभी प्रमुख शहरों में जोरदार तेजी दर्ज कराई है जबकि ज्यादातर शहरों में प्रतियोगियों की पाठक संख्या में कमी आई है।
उत्तर प्रदेश में ‘हिन्दुस्तान’ ने एक नई ऊंचाई को छुआ है और 29.7 लाख पाठकों को अपने साथ जोड़ा है। अब उत्तर प्रदेश में हम 72 लाख पाठक संख्या के साथ दूसरे स्थान पर आ गए हैं जबकि राज्य में लंबे समय से दूसरे स्थान पर काबिज अमर उजाला को 8.45 लाख पाठकों का नुकसान उठाना पड़ा है। (हिंदुस्तान)