11 सालों तक संपर्क में रहा, संबंध बनाया, जब विश्वासघात की शिकायत पीड़िता ने चैनल वालों से की तो उन्होंने मामले को दबाया!
नोएडा :- मीडिया को सच्चाई और इंसाफ के लिए जाना जाता है लेकिन जब वही एक क्रिमिनल को बचाने में लग जाए तो क्या कहेंगे. ये पीड़ा है एक लड़की की जिससे पटना के एक रिपोर्टर ने दगाबाजी की है. एक नेशनल न्यूज़ चैनल के रीजनल चैनल के लिए पटना में कार्यरत एक रिपोर्टर ने पहले 26 वर्षीय लड़की के साथ 11 सालों तक रिलेशन में रहा. कई वर्षों तक उससे संबंध बनाये. बाद में अपने ही चैनल में काम करने वाली एक महिला के चक्कर में उसे छोड़ दिया.
इसके बाद से लड़की न्याय के लिए न्यूज़ चैनल के कई अधिकारियों के यहां चक्कर काट रही है पर जनवरी 2024 से चले आ रहे इस मामले को हर स्तर पर न्यूज़ चैनल वालों ने दबाने की कोशिश की.
लड़की ने जब बिहार चैनल में कार्यरत चैनल के रिपोर्टर की दगाबाजी धोखेबाजी की शिकायत चैनल के बिहार के ब्यूरो प्रमुख और चैनल हेड से की तो दोनों ने इस मामले को 4 महीने तक दबाये रखा. इसके बाद पीड़िता ने न्यूज़ चैनल के डायरेक्टर सहित कई बड़े अधिकारियों से इसकी शिकायत की. चैनल के दो डायरेक्टरों, एडिटर इन चीफ, नेशनल चैनल हेड, बिहार चैनल हेड और HR हेड से भी शिकायत की लेकिन इन सबों ने भी इस मामले को पर्सनल मामला बताकर दबा दिया.
पीड़िता ने एक मेल के जरिये रिपोर्टर पर शोषण के आरोप लगाने के साथ साथ चैनल में फर्जी स्नातक की डिग्री पर नौकरी लेने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं. जैसे एक ही सत्र 2017 से 2020 में रिपोर्टर तीन अलग अलग यनिवर्सिटी में रेगुलर क्लास कैसे करता था ? नोएडा के आइजोम्स में रेगुलर क्लास में रिपोर्टर जब सत्र 2017 से 2020 में था तो ठीक इसी सत्र यानी 2017 से 2020 में कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर,छत्तीसगढ़ में कैसे रेगुलर क्लास अटेंड करता था ?
न्यूज़ चैनल में नौकरी के लिए जिस यूनिवर्सिटी के स्नातक के दस्तावेज प्रस्तुत किये गए हैं वो कलिंगा यूनिवर्सिटी के हैं, जिसके रजिस्टर से जब उक्त डिग्री भेज कर पीड़िता ने पड़ताल की तो रजिस्टार ने ऐसी कोई डिग्री जारी ना किये जाने की बात पीड़िता को बताई. पीड़िता का दावा है कि फर्जी डिग्री पर नौकरी की गई है , जिसको लेकर पीड़िता ने न्यूज़ चैनल के सभी बड़े अधिकारी को मेल कर इसके जांच की मांग भी की है.
बहरहाल, पीड़िता को न्यूज़ चैनल के किसी भी अधिकारी के तरफ से अब तक न्याय नहीं मिला है. यही नहीं, इस मामले को रफा दफा करने के लिए न्यूज़ चैनल की तरफ से दवाब बनाया जा रहा है… कानून को ताक पर रख कर फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ नौकरी पाए एक रेपिस्ट को न्यूज़ चैनल का माइक पकड़ा दिया गया है ताकि अन्य लड़कियों को ये अपना निशाना बना सके।
ये मीडिया दूसरे क्रिमनल और रेपिस्ट पर तो डिबेट करेगी लेकिन अपने रेपिस्ट इम्प्लॉय का बचाव करेगी. फिलहाल पीड़िता न्यूज़ चैनल के पटना में कार्यरत रिपोर्टर को मुख्य आरोपी बनाते हुए न्यूज़ चैनल के कुल 9 कर्मचारी और अधिकारी को इस घिनौनी वारदात में संरक्षण देने के आरोप में मुक़दमा दर्ज करने की तैयारी में है. पीड़िता के इस कदम से न्यूज़ चैनल के कई बड़े चहरे जल्द ही कानून की गिरफ्त में होंगे.
(चैनल वाले अगर विश्वासघाती रिपोर्टर के ख़िलाफ़ एक्शन नहीं लेते हैं तो भड़ास एक जुलाई 2024 को चैनल और रिपोर्टर दोनों के नाम का खुलासा करेगा, साथ ही जारी होंगी कई तस्वीरें और कई डॉक्यूमेंट्स)
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