नरेंद्र नाथ मिश्रा-
कैंसर को जब आप बीमारी की जगह चुनौती और प्रेरणा बना लें तो सिर्फ़ ख़ुद के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिये मिसाल बनते हैं। हमारे प्रिय मित्र रवि प्रकाश जी को लास्ट स्टेज का कैंसर डिटेक्ट हुआ। डॉक्टर ने कहा, चंद दिन। लगा सब कुछ टूट जाएगा। शुरू में टूटे फिर बोले यह विकल्प नहीं है। उसी साल बेटे ने IIT की परीक्षा पास की थीं। अच्छे रैंक से। सीमित आय के बीच टूटना आसान था। लेकिन रवि भाई लड़े। अभी तक लड़ रहे हैं। अब बेटा।
IIT दिल्ली से पास कर कैंपस प्लेसमेंट में नौकरी पा चुका है।
रवि जी खुश रहते हैं। शानदार रिपोर्टिंग भी कर रहे। बीबीसी के लिए। केमो लेते हैं और काम पर आ जाते हैं। अब तक 60 केमो ले चुके हैं।
अभी राँची था। वहाँ रवि जी मिले। बोले महीने में बस 3 दिन उनके हाथ आराम होता है। जीते रहें भाई।
अब इन्हें सिर्फ़ ख़ुद कि चिंता नहीं,कैंसर से जूझ रहे हर किसी के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं। इनसे जुड़े,यथा संभव उनकी मदद करें।
इसी बीच एक अच्छी सूचना आज आई।
लंग कैंसर पर काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था IASLC ( International Association For The Study Of Lung Cancer) ने रवि जी को प्रतिष्ठित Patient Advocacy Educational Award के लिए चुना है। सितंबर में वह अमेरिका में यह सम्मान लेंगे।
जिस तरह अंतिम स्टेज के कैंसर से ग्रसित होने के बाद रवि प्रकाश ने जीवटता दिखायी, इस रोग से दूसरों को बचाने के लिए अभियान छेड़ रखा है, वह वास्तव में सबके लिए मिसाल है।
आज देश में महामारी बन चुकी कैंसर के खिलाफ एक जनजागरण-जनअभियान चलाने की जरूरत है। रवि जी इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। सभी रवि प्रकाश जी की बधाई दें।