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सियासत

पहली ही बरसात में टपकने लगी रामलला मंदिर की छत, रामपथ भी धंसा

अजय कुमार-

योध्या से बड़ी अचंभित करने वाली खबर आ रही है, जिस राम मंदिर के उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाथों हुआ था, वह प्रभु श्री राम का मंदिर पहली बारिश ही नहीं झेल पाया। अभी 6 महीने भी नहीं बीते और पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत टपकने लगी है। इस बात की पुष्टि श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी कर दी है। ज्ञातव्य हो 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। उस समय सिर्फ पहली मंजिल ही बन पाई थी, जिसको लेकर विपक्ष और कुछ धर्माचार्यों ने विरोध भी जताया था। अभी भी राम मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। ऐसे में पहली ही बारिश में राम मंदिर की छत से पानी टपकना और बाहर परिसर में जलभराव मंदिर निर्माण में लगे लोगों की चिंता बढ़ा सकता है।

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श्री रामलला मंदिर आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर के प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं, जहां अन्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इन कार्यों के लिए अलग विभाग भी बन गया है। ये खुशी की बात है कि मूर्तियों की स्थापना 2025 तक हो जाएगी, लेकिन जो मंदिर बन गए हैं और जहां रामलला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी टपकने लगा। मंदिर के अंदर भी बरसात का पानी भर गया था। जानकार कहते हैं राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि बने मंदिरों से क्यों पानी टपक रहा है। इतना ही नहीं पूर्व मानसून वर्षा में कुछ घंटों में शहर में पांच प्रमुख स्थानों पर सड़कें धंस गईं। इनमें रामपथ के तीन स्थानों पर ऐसा हुआ। इसके अलावा चैक के पास रिकाबंगज मार्ग और पुलिस लाइन के सामने वाली सड़क पर भी गड्ढे हो गए। पुष्पराज चैराहा-फतेहगंज मार्ग का निर्माण कुछ समय पहले ही कराया गया था।

बता दें शनिवार 22 जून 2024 को की रात अयोध्या में मूसलाधार वर्षा हुई थी। इस बारिश में शहर की सड़कों की दुर्दशा हो गई। पुष्पराज चैराहा से फतेहगंज जाने वाला मार्ग पुलिस लाइन गेट के सामने बड़ी गोलाई में धंस गया। कोई हादसा न होने पाए, इसके लिए स्थानीय लोगों ने आसपास ईंट रखकर और सड़क के गड्ढे में पेड़ की डाल रखकर सुरक्षा घेरा बना दिया। इसी तरह चैक घंटाघर के पास रिकाबगंज मार्ग भी धंस गया। जिस समय सड़क धंसी, उसी वक्त उधर से एक कार गुजर रही थी। कार सड़क पर हुए गड्ढे में फंस गई।

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वहीं चैक-रिकाबगंज मार्ग पर जिस स्थान पर सड़क धंसी, इसी जगह पर अभी कुछ दिन पहले अमृत योजना के तहत सीवर पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्ढा खोदा गया था। सीवर लाइन बिछाने का काम पूरा होने के बाद सिर्फ गिट्टी डालकर सड़क को अस्थायी रूप से पाट दिया गया। ठीक ढंग से मरम्मत नहीं कराई गई। इसी का नतीजा रहा कि बारिश में यहां पर सड़क धंस गई। गड्ढे में फंसी कार को स्थानीय लोगों ने धक्का देकर बाहर निकाला। हालांकि कार क्षतिग्रस्त हो गई। मौके पर मौजूद नितिन कुमार ने बताया कि मरम्मत का काम मानक के अनुरूप नहीं किया गया था। बता दें रामपथ इसके पहले भी बिना बारिश के कई स्थानों पर धंस चुका है। ऐसे में इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल का कहना है कि कुछ जगहों पर सड़क को नुकसान पहुंचने की जानकारी दी।

लखनऊ निवासी अजय कुमार यूपी के वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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